भारत का संविधान Indian Polity

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यहां पर भारत का संविधान Indian Polity के अध्याय संविधान सभा को हम हिंदी में प्रोवाइड करवा रहे हैं यह लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी होते हैं जिसमें RPSC, RSMSSB, RSEB, SSC CGL, SSC CHSL, RAILWAY और अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए अति सहायक होगी

संविधान सभा constituent Assembly

1895:- बाल गंगाधर तिलक ने संविधान सभा की मांग की थी
1921:- महात्मा गांधी ने संविधान सभा की मांग की थी
1934:- एमएन रॉय ने संविधान सभा की मांग की थी
1935:- कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक रूप से संविधान सभा की मांग की थी
1938:- कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा की मांग की

1940:- अगस्त प्रस्ताव
अंग्रेजों ने पहली बार संविधान सभा की मांग को स्वीकार किया लेकिन इस दौरान संविधान सभा शब्द का प्रयोग नहीं किया गया
1942:- क्रिप्स मिशन के प्रस्तावों में संविधान सभा का प्रावधान
इसके अनुसार प्रांतीय विधानमंडल के निम्न सदन के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति एकल संक्रमणीय मत के द्वारा निर्वाचन किया जाना चाहिए
1946:- कैबिनेट मिशन की सिफारिश पर संविधान सभा का निर्वाचन किया
आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा किया गया था
जुलाई अगस्त 1946 में सविधान सभा का निर्वाचन हुआ था
विधानसभा में निमंत्रित श्रेणियां रखी गई
मुस्लिम सिख सामान्य
10 लाख की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि चुना गया था
संविधान सभा में कुल 389 सदस्य निर्धारित किए गए थे जिनमें से ब्रिटिश भारत के 296 सदस्य वह रियासतों से 93 सदस्य मनोनीत किए गए थे
ब्रिटिश भारत में प्रांतों से 292 सदस्य निर्वाचित थे
उच्चायुक्त प्रांत उस समय भारत में चार थे जिसमें से अजमेर मेरवाड़ा मुकुट बिहारी लाल दिल्ली कुर्ग बलूचिस्तान
राजस्थान में जयपुर रियासत से सर्वाधिक मनोनीत सदस्य तीनों थे
जोधपुर में मेवाड़ रियासत से 2-2 सदस्य मनोनीत है
बीकानेर कोटा व अलवर रियासत तीनों से एक-एक सदस्य मनोनीत थे
धान सभा में कांग्रेस के प्रतिनिधियों की संख्या 208 थी
कांग्रेस को संविधान सभा में सात अन्य सदस्यों का समर्थन भी प्राप्त था
संविधान सभा में मुस्लिमों के लिए 78 सीट आरक्षित थी इनमें से 73 सीट पर मुस्लिम लीग के सदस्य निर्वाचित हुए थे
संविधान सभा में कुल महिला सदस्य 15 निर्वाचित हुई थी
संविधान सभा हेतु महात्मा गांधी व मोहम्मद अली जिन्ना ने चुनाव नहीं लड़ा था

जयप्रकाश नारायण व तेज बहादुर सप्रू ने संविधान सभा से त्यागपत्र दे दिया था

9 दिसंबर 1946
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी
संविधान सभा की पहली बैठक में अस्थाई अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा को बनाया गया था
11 दिसंबर 1946
संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई थी
विधान सभा का स्थाई अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को बनाया गया था
संविधान सभा का उपाध्यक्ष एचसी मुखर्जी को बनाया गया था
संविधान सभा का दूसरा उपाध्यक्ष टीटी कृष्णमाचारी को बनाया गया था
संविधान सभा का सलाहकार बी एन राव था
संविधान सभा का पहला प्रारूप बीएन राव के द्वारा तैयार किया गया था
जबकि दूसरा और अंतिम प्रारूप प्रारूप समिति ने तैयार किया था
13 दिसंबर 1946
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 13 दिसंबर 1946 को उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया
उद्देश्य प्रस्ताव संविधान सभा के लिए मार्गदर्शिका थी
22 जनवरी 1947
संविधान सभा ने पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा पेश किए गए उद्देश्य प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को पारित किया था
संविधान सभा की समितियां
संघीय संविधान समिति:-अध्यक्ष पण्डित जवाहर लाल नेहरू
संघ शक्ति समिति:- अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू
प्रांतीय संविधान समिति:- अध्यक्ष सरदार पटेल
मूल अधिकार अल्पसंख्यक जनजातीय क्षेत्र बाह्यः क्षेत्र समिति:- अध्यक्ष सरदार पटेल
मूल अधिकारों की उप समिति:- अध्यक्ष जे बी कृपलानी
अल्पसंख्यकों के लिए उप समिति:- अध्यक्ष एचसी मुखर्जी
जनजातीय क्षेत्र उप समिति:- अध्यक्ष गोपीनाथ बोर्दोलोई
बाह्य क्षेत्र के लिए उप समिति:- अध्यक्ष एवी ठक्कर

 

प्रारूप समिति
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अध्यक्ष
गोपाल स्वामी आयंगर
कृष्णस्वामी अय्यर
मोहम्मद सादुल्लाह
के एम मुंशी
एन माधवराव जोकि बीएल मित्र की जगह आए थे
टीटी कृष्णमाचारी जो की डीपी खेतान की मृत्यु के बाद उनकी जगह आए

प्रारूप समिति ने 60 देशों के संविधान को पढ़ा और फिर उससे भारत का संविधान Indian Polity का प्रारूप किया व प्रारूप को तैयार कर उसे संविधान सभा में रखा
संविधान सभा ने इस प्रारूप को तीन पठन से पारित किया
प्रथम पठन 4 नवंबर 1948 से 9 नवंबर 1948 तक 5 दिन चला
द्वितीय पठन 15 अक्टूबर 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक 11 महीने चला
तृतीय पठन 14 नवंबर 1949 से 26 नवंबर 1949 तक 13 दिन चला

26 नवंबर 1949
इस दिन भारत का संविधान Indian Polity बनकर तैयार हो गया
26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था
26 नवंबर 1949 को संविधान पर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे कुल सदस्य 289 थे
26 नवंबर 1949 को संविधान से कुल 15 अनुच्छेद इस दिन लागू कर दिए गए थे
26 नवंबर 1949 को लागू किए गए अनुच्छेद
अनुच्छेद 5,6,7,8,9 नागरिकता से संबंधित
अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति से संबंधित
अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग से संबंधित
अनुच्छेद 366 में 367 निर्वचन से संबंधित
अनुच्छेद 379 380 388 391 392 393 अस्थाई प्रावधान से संबंधित
15 अगस्त 1947 के बाद संविधान सभा
यह एक संप्रभु संस्था के रूप में विकसित हुई अर्थात अब यह कैबिनेट मिशन की सिफारिशों से बंधी हुई नहीं थी
अब यह दोहरी भूमिका में थी संविधान सभा के साथ यह विधानमंडल के रूप में भी कार्य करती थी
जब यह विधायिका के रूप में कार्य करती थी तो जीवी मावलंकर इसकी अध्यक्षता करते थे
इस समय संविधान सभा में कुल 299 सदस्य रह गए थे जिसमें ब्रिटिश भारत से 229 वह रियासतों के प्रतिनिधियों के रूप में 70 सदस्य मौजूद थे
संविधान सभा के द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

22 जुलाई 1947
इस दिन राष्ट्रीय ध्वज को मान्यता दी गई वह तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया

मई 1949
इस दिन राष्ट्रमंडल की सदस्यता को मान्यता दे दी गई

24 जनवरी 1950
24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान को मान्यता दी गई
इस दिन भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को निर्वाचित किया गया
इस दिन संविधान सभा ने स्वयं को भंग कर दिया
24 जनवरी 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई थी
संविधान सभा इस दिन के बाद विधायिका के रूप में कार्य करते रहे और यह विधायक के रुप में 1952 तक कार्य करती रही

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